8th Pay Commission : देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आ रही है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा कर दी है। इस निर्णय के बाद सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर तो दौड़ रही है, लेकिन साथ ही महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के भविष्य को लेकर चिंता भी बनी हुई है। कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नए वेतन आयोग के लागू होने के बाद महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा या इसकी गणना जारी रहेगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि वास्तविकता क्या है।
वर्तमान में कितना है महंगाई भत्ता
इस समय केंद्रीय कर्मचारियों को 58 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। सरकार हर छह माह में मुद्रास्फीति के आधार पर इसमें संशोधन करती रहती है। जानकारों का अनुमान है कि 1 जनवरी 2026 तक दो प्रतिशत की और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे यह 60 प्रतिशत के आसपास पहुंच सकता है। यह राशि कर्मचारियों की मूल वेतन के अतिरिक्त दी जाती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पिछली बार क्या हुआ था
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करके शून्य से नई गणना शुरू की गई थी। इसी कारण अब कर्मचारियों को डर है कि कहीं इस बार भी ऐसा न हो जाए। हालांकि, परिस्थितियां अबकी बार थोड़ी अलग प्रतीत हो रही हैं। पिछले वेतन आयोग में सिफारिशें समय पर आ गई थीं, लेकिन इस बार स्थिति भिन्न दिख रही है।
सिफारिशों में देरी से मिल सकती है राहत
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यद्यपि आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू करने की तिथि घोषित कर दी गई है, परंतु इसकी सिफारिशें मई 2027 तक आने की संभावना है। इसका अर्थ यह है कि फिटमेंट फैक्टर, नया वेतनमान और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने में समय लगेगा। जब तक सिफारिशें नहीं आतीं और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होती, तब तक महंगाई भत्ते की गणना पूर्ववत जारी रह सकती है। यह कर्मचारियों के लिए राहत की बात हो सकती है।
70 प्रतिशत तक पहुंच सकता है महंगाई भत्ता
यदि सिफारिशों में देरी होती है और हर छह माह में 2 से 3 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता बढ़ता रहता है, तो मई 2027 तक यह 66 से 70 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों की आय में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार महंगाई भत्ते को तुरंत शून्य करने की बजाय सिफारिशों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा, जो मई 2027 के बाद ही संभव हो पाएगा।
नियमों के अनुसार क्या होना चाहिए
वेतन आयोग के नियमानुसार, जब नया वेतन आयोग लागू होता है तो मूल वेतन में महंगाई भत्ते को जोड़कर नया वेतनमान तैयार किया जाता है और महंगाई भत्ता शून्य से पुनः प्रारंभ होता है। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि वेतन आयोग की पूर्ण रिपोर्ट और सिफारिशें उपलब्ध हों। बिना सिफारिशों के कोई भी परिवर्तन संभव नहीं है। इसलिए इस बार परिस्थितियां कर्मचारियों के पक्ष में प्रतीत हो रही हैं।
अंतिम फैसला अभी शेष
अभी तक सरकार ने इस विषय पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है। अंतिम निर्णय आने में अभी समय है। हालांकि, संकेत यही मिल रहे हैं कि सिफारिशें आने तक महंगाई भत्ता बढ़ता रहेगा और मई 2027 के पश्चात ही इसे मूल वेतन में समाहित करने का निर्णय लिया जा सकता है। कर्मचारी संगठन भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि महंगाई भत्ते को जारी रखा जाए और वेतन वृद्धि के साथ इसे अलग से दिया जाए। आने वाले महीनों में स्थिति और स्पष्ट होगी, जब सरकार इस पर आधिकारिक रुख प्रकट करेगी।